Hanuman Ashtak in Hindi: सनातन धर्म में संकट मोचन हनुमान जी को भगवान शिव का अंश माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति मंगलवार के दिन हनुमान अष्टक श्लोक का विधिपूर्वक पाठ करता है, उसके सारे संकट, दुःख दर्द और शारीरिक बीमारियों को हनुमान जी हर लेते हैं। वैसे देखा जाए तो इस पाठ का जाप करने के लिए कोई विशेष नियम नहीं है। क्योंकि आप इसका पाठ कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं। लेकिन मंगलवार के दिन इस का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। तो चलिए दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं की हनुमान अष्टक का पाठ करने की विधि क्या है और इससे कौन से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं?
क्योंकि जब सारे वानर दल सीता मां को ढूंढते- ढूंढते थक जाते हैं, तब हनुमान जी ने लंका में प्रवेश करके मां सीता को ढूंढा था। इन सभी के अलावा जब रावण के भाई अहिरावण ने छल करके राम और लक्ष्मण का हरण कर लिया था, तब हनुमानजी ही पताल लोक जाकर अहिरावण का वध करके राम और लक्ष्मण को छुड़ाया था। इन सभी बातों का हनुमान अष्टक पाठ में वर्णन किया गया है। जिसका मंगलवार के दिन शुद्ध मन से पाठ करने पर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।
हनुमान अष्टक के श्लोकों में संकट मोचन हनुमान जी के वीरता का बखान किया गया है। इसमें हनुमान जी द्वारा सूर्य देव को निगल लिए जाने से लेकर ब्राह्मण भेष में राजा सुग्रीव से प्रभु श्री राम की मित्रता कराने और श्री राम जी की आज्ञा पर सीता माता का पता लगाने जैसे कार्यों का वर्णन किया गया है।
Hanuman Ashtak Lyrics in Hindi
बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों I
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो I
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो I
चौंकि महामुनि साप दियो तब ,
चाहिए कौन बिचार बिचारो I
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो I
जीवत ना बचिहौ हम सो जु ,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो I
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब ,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
रावण त्रास दई सिय को सब ,
राक्षसी सों कही सोक निवारो I
ताहि समय हनुमान महाप्रभु ,
जाए महा रजनीचर मरो I
चाहत सीय असोक सों आगि सु ,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
बान लाग्यो उर लछिमन के तब ,
प्राण तजे सूत रावन मारो I
लै गृह बैद्य सुषेन समेत ,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो I
आनि सजीवन हाथ दिए तब ,
लछिमन के तुम प्रान उबारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
रावन जुध अजान कियो तब ,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो I
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल ,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु ,
बंधन काटि सुत्रास निवारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
बंधू समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो I
देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि ,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो I
जाये सहाए भयो तब ही ,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
काज किये बड़ देवन के तुम ,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो I
कौन सो संकट मोर गरीब को ,
जो तुमसे नहिं जात है टारो I
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु ,
जो कछु संकट होए हमारो I
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो I
दोहा
लाल देह लाली लसे , अरु धरि लाल लंगूर I
वज्र देह दानव दलन , जय जय जय कपि सूर II
Benefits of Shree Hanuman Ashtak [हनुमान अष्टक के फायदे]
अगर आप नियमित रूप से मंगलवार के दिन हनुमान अष्टक का पाठ करते हैं। तो आपको विशेष लाभ की प्राप्ति होती है जो निम्नलिखित इस प्रकार से है।
1) नियमित रूप से हनुमान अष्टक का पाठ करने से सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं।
2) जो व्यक्ति नियमित रूप से इस का पाठ करता है उसके जीवन में से आने वाला संकट टल जाता है।
3) ऐसे में अगर आप लगातार 21 मंगलवार संकट मोचन हनुमान अष्टक का पाठ करते हैं, तो आपके घर से नकारात्मक शक्तियां दूर भाग जाती है।
4) अगर आप अपने घर में सुख शांति एवं हनुमान जी की कृपा चाहते है, तो हनुमान अष्टक का नियमित रूप से पाठ करें।
5) इसके अलावा इस का नियमित रूप से मंगलवार के दिन पाठ करने पर बल बुद्धि एवं तेज की प्राप्ति होती है।
6) हनुमान जी अपने भक्तों को बहुत ज्यादा प्रेम करते हैं। अगर कोई भक्त हनुमान अष्टक का पाठ करता है, तो किसी भी संकट में हनुमान जी उसकी रक्षा करने स्वय आते हैं।
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