Most of the devotees of the lord hanuman want to read the Hanuman Chalisa in Hindi with meaning. When we read the meaning of Chalisa, we can easily remember the lessons of the Lord Shri sankat mochan Hanuman. If you belong to the Hindu religion from anywhere in the world, you will find the complete Hanuman Chalisa lyrics in Hindi with meaning.
दोस्तों हमने इस आर्टिकल में हनुमान चालीसा का संपूर्ण वर्णन किया है और छंद, चौपाई सहित उसका संपूर्ण वर्णन हिंदी में किया है। हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से केवल हनुमान चालीसा के सिद्धियों के बारे में बताया है। यदि आप हनुमान जी के परम भक्त है, तो मंगलवार एवं शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। जिससे आपके सारे दुख और दर्द दूर हो जाए एवं आपकी मनोकामना पूर्ण हो। क्योंकि हनुमान चालीसा के एक चौपाई में कहा गया है की जो भक्त अपने मन में कोई मनोरथ रखता है, उसे हनुमान जी पूर्ण करते हैं और उसका जीवन सफल हो जाता है।
Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi with Meaning
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥
Hindi Meaning: श्री गुरु के चरण कमल के धूल से अपने मन रुपी दर्पण को निर्मल करके प्रभु श्रीराम के गुणों का वर्णन करता हूँ जो चारों प्रकार के फल (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) देने वाला है।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार
हिंदी अर्थ: हे पवन कुमार, मुझे बुद्धिहीन जानकार सुनिए और बल, बुद्धि, विद्या दीजिये और मेरे क्लेश और विकार हर लीजिये।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥
Meaning: ज्ञान गुण के सागर हनुमान जी की जय। तीनों लोकों को अपनी कीर्ति से प्रकाशित करने वाले कपीश की जय।
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥
Meaning: हे अतुलित बल के धाम रामदूत हनुमान आप अंजनिपुत्र और पवनसुत के नाम से संसार में जाने जाते हैं।
महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥
Meaning: हे महावीर आप वज्र के समान अंगों वाले हैं और अपने भक्तों की कुमति दूर करके उन्हें सुमति प्रदान करते हैं।
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥
Meaning: आपके स्वर्ण के सामान कांतिवान शरीर पर सुन्दर वस्त्र सुशोभित हो रही है। आपके कानो में कुण्डल और बाल घुंघराले हैं।
हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥
Meaning: आपने अपने हाथों में वज्र के समान कठोर गदा और ध्वजा धारण किया है। कंधे पर मुंज और जनेऊ भी धारण किया हुआ है।
शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥
Meaning: आप भगवान शंकर के अवतार और केसरीनन्दन हैं। आप परम तेजस्वी और जगत में वंदनीय हैं।
विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर॥७॥
Meaning: आप विद्यावान, गुनी और अत्यंत चतुर हैं और प्रभु श्रीराम की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया॥८॥
Meaning: आप प्रभु श्रीराम की कथा सुनने के लिए सदा लालायित रहते हैं। राम लक्ष्मण और सीता सदा आपके ह्रदय में विराजते हैं।
सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥
Meaning: आपने अति लघु रूप धारण करके सीता माता को दर्शन दिया और विकराल रूप धारण करके लंका को जलाया।
भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥
Meaning: आपने विशाल रूप धारण करके असुरों का संहार किया और श्रीराम के कार्य को पूर्ण किया।
लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥
Meaning: आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राणो की रक्षा की। इस कार्य से प्रसन्न होकर प्रभु श्रीराम ने आपको ह्रदय से लगाया।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥
Meaning: भगवान श्रीराम ने आपकी बहुत प्रसंशा की और कहा कि हे हनुमान तुम मुझे भरत के समान ही अत्यंत प्रिय हो।
सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥
Meaning: हजार मुख वाले शेषनाग तुम्हारे यश का गान करें ऐसा कहकर श्रीराम ने आपको गले लगाया।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥
Meaning: हे हनुमान जी आपके यशों का गान तो सनकादिक ऋषि, ब्रह्मा और अन्य मुनि गण, नारद, सरस्वती के साथ शेषनाग, यमराज , कुबेर और समस्त दिक्पाल भी करने में असमर्थ हैं तो फिर विद्वान कवियों का तो कहना ही क्या।
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥
Meaning: आपने सुग्रीव पर उपकार किया और उन्हें राम से मिलाया और राजपद प्राप्त कराया।
तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥
Meaning: आपके सलाह को मानकर विभीषण लंकेश्वर हुए ये सारा संसार जानता है।
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥
Meaning: हे हनुमान जी आपने बाल्यावस्था में ही हजारों योजन दूर स्थित सूर्य को मीठा फल जानकर खा लिया था।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥
Meaning: आपने भगवान राम की अंगूठी अपने मुख में रखकर विशाल समुद्र को लाँघ गए थे तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं।
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥
Meaning: संसार में जितने भी दुर्गम कार्य हैं वे आपकी कृपा से सरल हो जाते हैं।
राम दुआरे तुम रखवारे
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥
Meaning: भगवान राम के द्वारपाल आप ही हैं आपकी आज्ञा के बिना उनके दरबार में प्रवेश नहीं मिलता।
सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥
Meaning: आपकी शरण में आए हुए को सब सुख मिल जाते हैं। आप जिसके रक्षक हैं उसे किसी का डर नहीं।
आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥
Meaning: हे महावीर, अपने तेज के बल को स्वयं आप ही संभाल सकते हैं। आपकी एक हुंकार से तीनो लोक कांपते हैं।
भूत पिशाच निकट नहि आवै
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥
Meaning: आपका नाम मात्र लेने से भूत पिशाच भाग जाते हैं और नजदीक नहीं आते।
नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥
Meaning: हनुमान जी के नाम का निरंतर जप करने से सभी प्रकार के रोग और पीड़ा नष्ट हो जाते हैं।
संकट तै हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥
Meaning: जो भी मन क्रम और वचन से हनुमान जी का ध्यान करता है वो संकटों से बच जाता है।
सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥
Meaning: जो राम स्वयं भगवान हैं उनके भी समस्त कार्यों का संपादन आपके ही द्वारा किया गया।
और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥
Meaning: हे हनुमान जी आप भक्तों के सब प्रकार के मनोरथ पूर्ण करते हैं।
चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥
Meaning: हे हनुमान जी, आपके नाम का प्रताप चारो युगों (सतयुग, त्रेता , द्वापर और कलियुग ) में है।
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥
Meaning: आप साधु संतों के रखवाले, असुरों का संहार करने वाले और प्रभु श्रीराम के अत्यंत प्रिय हैं।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता॥३१॥
Meaning: आप आठों प्रकार के सिद्धि और नौ निधियों के प्रदाता हैं और ये वरदान आपको जानकी माता ने दिया है।
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥
Meaning: आप अनंत काल से प्रभु श्रीराम के भक्त हैं और राम नाम की औषधि सदैव आपके पास रहती है।
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥
Meaning: आपकी भक्ति से जन्म जन्मांतर के दुखों से मुक्ति देने वाली प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥
Meaning: वो अंत समय में मृत्यु के बाद भगवान के लोक में जाता है और जन्म लेने पर हरि भक्त बनता है।
और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥
Meaning: किसी और देवता की पूजा न करते हुए भी सिर्फ आपकी कृपा से ही सभी प्रकार के फलों की प्राप्ति हो जाती है।
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥
Meaning: जो भी व्यक्ति हनुमान जी का ध्यान करता है उसके सब प्रकार के संकट और पीड़ा मिट जाते हैं।
जै जै जै हनुमान गुसाईँ
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥
Meaning: हे हनुमान गोसाईं आपकी जय हो। आप मुझ पर गुरुदेव के समान कृपा करें।
जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥
Meaning: जो इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे महान सुख की प्राप्ति होती है।
जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥
Meaning: जो इस हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसे निश्चित ही सिद्धि की प्राप्ति होती है, इसके साक्षी स्वयं भगवान शिव हैं।
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥
Meaning: हे हनुमान जी, तुलसीदास सदैव प्रभु श्रीराम का भक्त है ऐसा समझकर आप मेरे ह्रदय में निवास करें।
दोहा
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
Meaning: हे मंगल मूर्ति पवनसुत हनुमान जी, आप मेरे ह्रदय में राम लखन सीता सहित निवास कीजिये।
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Hanuman Chalisa in Hindi with Meaning PDF
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Conclusion
धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि हर समस्याओं से निजात पाने के लिए आप हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। यदि आप किसी दोष से पीड़ित है और नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो आपकी सारी समस्याएं दूर हो सकती है। हनुमान चालीसा में महाबली हनुमान और उनके प्रभु श्री राम के बारे में महिमामंडन किया गया है। पूरे सृष्टि में बजरंगबली हनुमान ही एक ऐसे देवता है जो अपने भक्तों को निराश नहीं करते एवं उनके दुख-दर्द, संकट हर लेते हैं।
हनुमान चालीसा इतना प्रभावी है कि यदि आप इनके छंदों का जॉप करते है तो आपके सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। यहां तक कि हनुमान जी अपने भक्तों की मृत्यु के समीप से खींच लाते हैं एवं उनके प्राणों की रक्षा करते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपकी संपूर्ण मनोकामनाऐ पूर्ण होती है। हमने हनुमान चालीसा के सभी पाठ उनके अर्थ सहित हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध कराये हैं | कृपया सभी पाठ ध्यान से पढ़े और हनुमान चालीसा का हिंदी मतलब जानें |