दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे प्रभु श्री राम के भक्त हनुमान जी के Maruti Stotra in Hindi [श्री मारुति स्तोत्र] के बारे में। इसकी रचना 17वीं शताब्दी में हुई थी और इसके लेखक समर्थ गुरु रामदास जी थे। जो एक महान लेखक के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी के गुरु भी थे। जिनका जन्म भारत के महाराष्ट्र में हुआ था। यह महाबली हनुमान जी के परम भक्त थे। इन्होंने हनुमान जी के भक्ति में लीन होकर उनके गुणगान में मारुति स्तोत्र की रचना कर दी थी। तो चलिए हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं कि इस स्तोत्र के जाप करने की विधि क्या है और इसके जाप करने से क्या लाभ प्राप्त होता है।
मारुति स्तोत्र क्या है?
इस स्तोत्र की स्तुति करके हनुमान जी को प्रसन्न किया जाता है। समर्थ गुरु रामदास जी ने मारुति स्तोत्र के 17 श्लोक के 13 श्लोक मे पवन पुत्र हनुमान का गुणगान किया है। बाकी के 4 श्लोकों में हनुमान जी के चरणों की स्तुति की है और बताया है कि जो भक्त हनुमान स्तोत्र पाठ नियमित रूप से करेगा, हनुमान जी की कृपा उस व्यक्ति पर बनी रहती है।
मारुति स्तोत्र हिंदी Lyrics
|| श्री मारुति उपासना ||
|| मारुति स्तुती ||
भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुति।
वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ।।1।।
महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें ।
सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ।।2।।
दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा।
पाताळ देवता हंता, भव्य सिंदूर लेपना ।।3।।
लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना ।
पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ।।4।।
ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें ।
काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ।।5।।
ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती।
नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ।।6।।
पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं।
सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ।।7।।
ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू।
चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ।।8।।
कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे ।
मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ।।9।।
आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती ।
मनासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ।।10।।
अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे।
तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ।।11।।
ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके।
तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ।।12।।
आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा ।
वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ।।13।।
धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही ।
पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ।।14।।
भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही ।
नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ।।15।।
हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी।
दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ।।16।।
रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण।
रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ।।17।।
।। इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम् ।।
मारुति स्तोत्र की जप विधि
1] हनुमान जी के मारुति स्तोत्र का पाठ सुबह या शाम के समय करें। लेकिन इस पाठ का जाप करने से पहले अपने शरीर को शुद्ध कर ले और अपने मन में किसी के प्रति द्वेष ना रखें।
2] हनुमान स्तोत्र का पाठ करने से पहले महाबली हनुमान जी का विधि पूर्वक पूजा करें, फिर उसके बाद पाठ आरंभ करें। लेकिन पाठ को आरंभ करने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखें कि श्लोक उच्चारण में कोई त्रुटि ना हो।
3] पाठ का उच्चारण मधुर आवाज में करें, लेकिन जो व्यक्ति हनुमान जी के इस पाठ का जाप करता हो वह पूर्णता शाकाहारी होना चाहिये और मांस मदिरा का सेवन ना करता हो।
4] यदि हम ज्योतिषियों की बात माने तो मंगलवार के दिन मारुति स्तोत्र का पाठ करना ज्यादा लाभकारी होता है। क्योंकि मंगलवार को महाबली हनुमान जी का दिन माना जाता है।
5] जब आप इस स्तोत्र का पाठ करें तो महाबली हनुमान जी की मूर्ति या उनकी तस्वीर को सामने अवश्य रखें और पूजा पाठ करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
6] सभी तैयारियां कर लेने के बाद फूल, दीप, सिंदूर, अक्षत आदि सामग्री चढ़ाकर पूजा करें। फिर इसके बाद इस स्तोत्र के श्लोकों का उच्चारण करें।
मारुति स्तोत्र का पाठ करने से मिलने वाले लाभ
1] जो भी व्यक्ति हनुमान जी के मारुति स्तोत्र का पाठ विधि पूर्वक करता है, उसके ऊपर हमेशा हनुमान जी प्रसन्न रहते हैं।
2] यदि आप नियमित रूप से हनुमान स्तोत्र का पाठ करते हैं तो आपको भय भरे जीवन से छुटकारा मिलता है और आपके हृदय से भय का नाश हो जाता है।
3] इस श्लोक का पाठ करने वाले व्यक्ति को धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है और उसे महाबली हनुमान बुद्धि प्रदान करते है।
4] इसके अलावा स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति को शत्रुओं से छुटकारा मिलता है और उनके ऊपर विजय प्राप्त होती है।
5] स्तोत्र का पाठ करने वाला व्यक्ति सभी दुखों, रोग और बीमारियों से मुक्त रहता है और उसके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
6] मारुति स्तोत्र के विषय में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को व्यापार में घाटा हो रहा हो और वह नियमित रूप से हनुमान जी के हनुमान स्तोत्र के श्लोकों का पाठ करता है तो उसे व्यापार में लाभ होता है।
हनुमान मारुति स्तोत्र PDF
Click the link below to download the Hanuman Maruti Stotra in Hindi PDF.
Conclusion
मारुति स्तोत्र का जाप करने से व्यक्ति को संपूर्ण सुख और शांति मिलती है। वह सारे दुख-सुख, नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से दूर रहता है। Maruti Stotra in Hindi की रचना समर्थ गुरु रामदास जी ने हनुमान जी के महिमामंडन में किया था। ताकि हनुमान जी प्रसन्न हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि आप इस श्लोक का जाप 1100 बार करते हैं, तो लाभदायक फल की प्राप्ति होती है।